लखनऊः 22 अक्टूबर, 2020
अब यदि आप पुलिस की सहायता हेतु 112-यू0पी0 पर फोन कर अपनी शिकायत या समस्या बतायेगे तो आपसे आपकी उसी क्षेत्रीय भाषा में बातचीत की जायेगी। इस परस्पर संवाद की प्रक्रिया को और बेहतर किया जा रहा है ।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुये बताया कि यह संवाद भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुन्देली आदि उसी क्षेत्रीय भाषा में भी किया जायेगा जिसका उपयोग संवादकर्ता द्वारा किया जायेगा। अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में उत्तर देने के लिए उसी क्षेत्र के संवाद अधिकारियों को 112-यूपी के अधिकारियो द्वारा चुना गया है। इस प्रकार 112-यूपी पर मिलने वाली सूचनाओं पर प्राथमिकता से त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने की व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, 112-यूपी असीम अरूण ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्रीय भाषाओं में लोगों से संवाद करने के लिए आपातकालीन सेवा में संवाद अधिकारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। क्षेत्रीय भाषाओं में पारंगत संवाद अधिकारियों की नियुक्ति से ग्रामीण अंचल से सहायता के लिए कॉल करने वाले लोगों खास कर महिलाओं को अपनी बात बताने में काफी सुविधा होगी।
उन्होंने ने बताया कि 112-यूपी में प्रतिदिन 15-17 हजार लोग काल कर पुलिस की सहायता मांगते हैं। इनमे क्षेत्रीय भाषाओं में मदद मांगने वाले लोगों की संख्या काफी होती है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपनी क्षेत्रीय भाषा में ही समस्या बताने में सहज महसूस करती हैं। उनकी बातों का जवाब भी जब उनकी ही भाषा में 112 की ओर से दिया जायेगा तो शिकायतकर्ता में पुलिस के प्रति अपनेपन का भी आभास होगा।