देवेश दुबे ने अखिलेश यादव से मुलाकात करने से किया इनकार
देवरिया-
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2 अक्टूबर 2023 को फतेहपुर के लेहड़ा टोला में हुई निर्मम हत्याकाण्ड में मारे गए 6 लोगो के परिजनों से मिलने बुधवार को मिलने पहुँचे। अखिलेश यादव पहले मृतक सत्यप्रकाश दुबे के घर लेहड़ा पहुँच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया, ततपश्चात उन्होंने देवेश दुबे के माता पिता, भाई बहन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।अखिलेश यादव के फतेहपुर आने से पहले देवेश दुबे ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर न मिलने का वजह बताया, ततपश्चात एक वीडियो वायरल कर कहा कि हम अखिलेश यादव से नही मिलेंगे, उसने कहा कि2014 में सपा की सरकार में मेरे मंद बुद्धि चाचा को बहला फुसलाकर बिना पैसे के बैनामा करवा लिया गया,और सपा सरकार में ही चार चार रायफल निकलवा लिया गया, और उसी बंदूक की नोक पर हम लोगो को घर बनवाने नही दिया गया,और तो और बंदूक सटाकर हम लोगो द्वारा बोई गई फ़सल को कटवा लिया जाता था। अतः में अखिलेश यादव से मुलाकात नही करना चाहता हूं।
इधर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दिया था, ताकि कोई भी व्यक्ति फतेहपुर न पहुँचे, यह तक कि मीडिया को कवरेज के लिए जाने नही दिया गया,इस प्रकार से देखा जाय कि योगी सरकार में मीडिया यानी चौथे स्तंभ को कवरेज के पीछे शासन व प्रशासन की मंशा क्या है।
उसके बाद पुलिस सुरक्षा में मृतक प्रेमचंद यादव के घर पहुँच कर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। ततपश्चात मृतक प्रेमचंद यादव के पत्नी व बच्चो से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की।इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा की क्या बुलडोजर चलेगा,जनता इसे रोक लगाएगी,उन्होंने आगे बताया कि यह जो बुलडोजर चलाने की परम्परा है वह ठीक नही है , उन्हें यह समझना चाहिए कि अगर बुलडोजर न्याय देने लगा तो अगली सरकार भी यही करेगी।
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाछ करते हुए कहा कि आप स्वामी हैं आपको दूसरों के दुःख समझना चाहिए, आगे उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बिल्डिंग गिराए जिसमें उन्होंने कितने करोड़ रुपए का मुआवजा लिए। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि कानून को हम भी समझते हैं, सोचिए जब प्रेमचंद यादव की पत्नी का एफआईआर नही लिखा जा रहा था, और जो लिखा गया वह टिक नहीं पायेगा। उन्होंने कहा प्रेम यादव की जान नही गयी होती तो और लोगो की जान नही गयी होती, और एफआईआर किसने दर्ज कराई,डीएम ने कहा है कि यह दुखद घटना आवेश में की गयी है।उस समय किसके दिमाग मे क्या था यह कोई नही जानता।उन्होंने कहा कि आखिर सरकार क्यो इस बात को छुपाना चाहती हैं कि प्रेम यादव को बुलाकर मारा गया, किसने मारा क्यो मारा। सुल्तानपुर की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि एक ब्राह्मण डॉक्टर को ड्रील से मार दिया गया क्या सूबे के मुखिया एक बार भी उस पीड़ित परिवार से मिलने गए या डॉक्टर के परिवार को गले लगाकर फोटो
खिंचवाया, मै जनता हूँ कि किसी के जाने के बाद दुःख क्या होता हैं। सरकार बुलडोजर का डर दिखाकर लोगो को डराना चाहती हैं।उन्हें यह याद रखना चाहिए कि जनता की ताकत के सामने सरकार की कोई ताकत कुछ भी नहीं।आज आप पीड़ित परिवारो से न मिलकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल नियत का है।बताइए जो यह से कही और चले गए है ऐसे 20 अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया, यह ठीक नहीं है, आपने छोटे अधिकारियों को नही बख्शे तो क्या बड़े अधिकारी दोषी नही है उनपर कार्यवाही क्यो नही। उन्होंने पत्रकारों से वार्ता कर कहा कि जिस दिन यह घटना घटी उसी दिन से पेपर व चैनलों के माध्यम से हमे जानकारी मिलती रही।उन्होंने सरकार से कहा कि दोनों परिवारों के साथ न्याय होना चाहिए।