लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा है कि चार साल में अपनी जनहित की एक योजना भी न बता पाने वाली भाजपा सरकार की उपलब्धियों की जो असत्य कथा मुख्यमंत्री इन दिनों सुना रहे हैं हालात उनके झूठे होने की गवाही खुलकर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री किसानों की आय दुगनी कराने और नौजवानों को रोजगार देने के वादे सरकारी होर्डिंगों में दर्शा रहे हैं पर आय दुगनी कैसे हो गई और रोजगार किसको मिला यह बताने से गुरेज कर रहे हैं। इसीलिए उनके सप्ताह पर्यन्त होने वाले जश्नों में जब बुझे दिल लेकर भाजपा कार्यकर्ता शिरकत नहीं कर रहे है तो आम जनता की क्या बात करें?
बेटी बचाओं और मिशन शक्ति के खोखले नारों की पोल तो रोज ही खुलती है। अखबारों में और टीवी चैनलों में हर रोज लूट, हत्या, बलात्कार के मामले छाए रहते हैं। बस्ती में एक बेटी पर घटिया नीयत से पुलिस ने फर्जी मुकदमों की लाइन लगा दी। भाजपा राज में राजधानी लखनऊ से सटे मोहन लालगंज में हुई एक घटना में एफआईआर दर्ज कराने में ही 22 माह का समय लग गया। एफआईआर भी तब दर्ज हुई जब कोर्ट ने आर्डर किया। पुलिस की मनमानी की यह बदनुमा मिसाल है। पीडि़त महिला को मंत्री जी सार्वजनिक रूप से दुत्कार रहे हैं। लोक भवन के सामने ही आत्महत्या के कई प्रयास हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति को सर्वाधिक अपमानित किया गया है। चार साल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले दोगुने हो गए हैं। मुरादाबाद में 4 साल की बच्ची और बलिया में मासूम से दुष्कर्म की घटनाएं हुई। सीतापुर में छेड़छाड़ से परेशान छात्रा ने फांसी लगा कर जान दे दी। हाथरस में एक किशोरी को दरिंदों ने हवश का शिकार बनाया जबकि बस्ती में रेप करने में नाकाम रहने पर युवती की हत्या कर दी गई।
मुख्यमंत्री के सुशासन और चार साल के जश्न की एक हकीकत तो तब दिखाई दी जब बागपत में गांव प्रधान द्वारा जमीन पर कब्जे से पीडि़त बेटी ने सुनवाई न होने पर आयुष मंत्री और विधायकों के समक्ष ही आत्महत्या का प्रयास किया। मंत्री-विधायक तत्काल मैदान छोड़कर चले गए। मुख्यमंत्री के रामराज में पीडि़तों को न्याय मिलने की जगह दुत्कार ही मिलती है। भाजपा की शोषणकारी दम्भी सरकार को किसानों और जनता की एकता जड़ से उखाड़ देगी। सांच को आंच नहीं आती है।