लखनऊ -कोविड-19 के खिलाफ इस वैश्विक लड़ाई को उत्तर प्रदेश पूरी मजबूती से लड़ रहा है। बहुत से लोगों को आशंका थी कि मई के पहले सप्ताह तक एक लाख केस प्रतिदिन होंगे, लेकिन हमने सामूहिक प्रयासों से इन आशंकाओं को निर्मूल सिद्ध किया है।
प्रदेश में लगातार केस घट रहे हैं, जबकि टेस्टिंग लगातार बढ़ाई जा रही है। स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है और एक्टिव केस कम होते जा रहे हैं।
बीते 11-12 दिनों में 40-45 हजार एक्टिव केस कम हुए हैं। हमें ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मंत्र के अनुरूप और तेजी के साथ लगातार प्रयास करना होगा।
– कोविड प्रबंधन से जुड़े सभी कार्यों में लगे अधिकारियों/कर्मचारियों को यह समझना होगा कि यह समय संवेदनशीलता का है। मरीज हो या उनके परिजन, हमें उनकी भावनाओं, समस्याओं और जरूरतों को समझना चाहिए।
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टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय की हैं। इससे अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता। सभी जिलों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
कुछ अस्पतालों द्वारा बेड खाली होने के बाद भी मरीजों को एडमिट करने से इनकार की घटनाएं संज्ञान में आई है। कुछ जिलों में इन के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। अस्पतालों के यह रवैया कतई ठीक नहीं है।
निजी अस्पतालों में यदि कोई मरीज अपने इलाज का खर्च देने में असमर्थ है तो उसका भुगतान राज्य सरकार करेगी। कोविड अस्पतालों को दिन में दो बार खाली बेड्स की जानकारी सार्वजनिक करना अनिवार्य है।
सभी जिलों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए
सभी डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। सभी जिलों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। सभी जिलों के लिए एनेस्थेटिक और तकनीकी सहायकों की व्यवस्था कराई गई है।
कोई जरूरत हो शासन को बताएं, तुरंत मदद मिलेगी। लेकिन इन्हें तत्काल क्रियाशील किया जाए।सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर स्थापित कराए गए हैं। यह कोविड प्रबंधन व्यवस्था का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है।
कुछ जिलों में यह अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन अभी बहुत से जिलों में इसे और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए।
तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन सभी मरीजों को दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए।
अगले तीन दिनों में प्रदेश के 100 फीसदी होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करा दिया जाए। होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है।
होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों को हर दिन स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाए। चिकित्सकों से संपर्क नम्बर, समय और विशेषज्ञता के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
कोविड-19 -05 मई से विशेष कोविड टेस्टिंग अभियान शुरू
कोविड-19 संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के लिए बुधवार 05 मई से विशेष कोविड टेस्टिंग अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान के तहत निगरानी समितियां घर-घर जाकर लोगों का इंफ्रारेड थरमामीटर से जांच करेंगी, पल्स ऑक्सीमीटर से लोगों का ऑक्सीजन लेवल चेक करेंगी।
इसके उपरांत कोविड लक्षण युक्त अथवा संदिग्ध लोगों की एंटीजन जांच कराई जाएगी। टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे होम आइसोलेशन, इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन अथवा अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
होम आइसोलेशन में रखे जाने से पूर्व मरीज को मेडिकल किट दी जाए उसे जरूरी सावधानियों के बारे में विधिवत जानकारी दी जाए। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी स्वयं सभी व्यवस्थाओं की पड़ताल करें।