आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया- आईएएस सुजीत कुमार (मिशन निदेशक)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ग्रामीण क्षेत्रों के 48 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को 4.54 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामाजिक एवं वित्तीय समावेशन द्वारा रोजगार सृजन करते हुए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
ग्राम्य विकास मंत्री गुरुवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं बैंकों के मध्य साझेदारी तथा प्रदेश के 50665 स्वयं सहायता समूहों को 607 करोड़ बैंक क्रेडिट लिंकेज के वितरण के संबंध में कार्यक्रम आयोजित किया गया था
उन्होंने कहा कि बैंकांे से स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली विभिन्न सेवाओं जैसे समूहों का बैंक खाता खोलना, समूहों को ऋण प्रदान करना इत्यादि गतिविधियों को तीव्र गति से संचालित किये जाने हेतु मिशन एवं 8 पब्लिक सेक्टर के बैंको तथा 3 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकांे के मध्य अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया। इसके अतिरिक्त 50,665 स्वंय सहायता समूहों के 5 लाख परिवारों को 607 करोड़ का बैंक ऋण दिया गया।
ग्राम्य विकास मंत्री ने इस मौके पर आनलाइन खाता खोलने संबंधी पोर्टल का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हिन्दुस्तान का पहला राज्य है, जिसने खाता खोलने की आनलाइन व्यवस्था की है। वह दिन दूर नहीं, जब अपना प्रदेश देश के सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग का अपना कोई भवन नहीं है, होली के अवसर पर नवीन भवन तोहफे के रूप में मिल रहा हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह “मोती सिंह” ने प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप मिशन की उपलब्धियों पर बताया कि प्रदेश में 48 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की निर्धन परिवारों को एक सशक्त ढांचागत संस्था के रूप में 4.54 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों, 20100 ग्राम संगठनो एवं 1010 संकुल स्तरीय संघो के माध्यम से आच्छादन किया जा चुका है, जो की गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह द्वारा बताया कि ग्राम स्तर पर आजीविका मिशन द्वारा सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय सेवाआंे को गति प्रदान करने की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सुगम, ससमय, त्वरित एवं सहज बनाने और महिला स्वावलंबन द्वारा प्रदेश की सभी 58000 ग्राम पंचायतो में एक पंचायत-एक बीसी सखी की पदस्थापना सम्बन्धित कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
मिशन निदेशक सुजीत कुमार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की दीदीयों द्वारा 1.20 करोड़ मास्क निर्माण, 1.05 करोड़ स्कूल ड्रेस निर्माण, ’बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी के माध्यम से 7000 महिला सदस्यों के साथ बुंदेलखंड में प्रतिदिन 22 हज़ार 500 किलो ग्राम दुग्ध का संग्रह, 61050 समूहों द्वारा ड्राई राशन की उपलब्धता 163260 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर, स्टार्टअप विलेज इंटरप्रयूनेरशिप प्रोग्राम के अंतर्गत कुल 9045 लघु उधमियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के द्वारा स्वः रोजगार एवं 29 लाख सोलर स्टडी लैम्प को विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया गया है
मिशन निदेशक ने कहा कि फार्म आजीविका के अंतर्गत अभी तक 52 जनपदों के 340 विकासखंडो में सतत कृषि प्रक्रिया के माध्यम से उन्नत खेती हेतु लगभग 5 लाख 22 हजार महिला किसानों को प्रक्षिक्षण प्रदान किया जा चुका है। ग्राम स्तर पर पदस्त एवं कार्यरत 13900 कृषि आजीविका सखी, कृषि सखी, पशु सखी के माध्यम से महिला किसानों को सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
सुजीत कुमार ने कहा कि 6293 महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा बिल कलेक्शन सम्बंधित कार्य किया जा रहा है। उचित दर की दुकान का संचालन एवं प्रबंधन की दिशा में 1370 दुकान का आवंटन स्वयं सहायता समूह को किया जा चुका है।