अरबों रुपये के बैंक लोन घोटाले में सीबीआई ने सोमवार कम्पनी के कार्यलयों पर छापेमारी
लखनऊ, 20 अक्टूबर। पूर्वांचल के बुजुर्ग बाहुबली, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे, बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नोएडा व लखनऊ कार्यालय पर सोमवार को सीबीआई की छापेमारी पर सरकार के खिलाफ ब्राह्मण कार्ड खेले जाने पर पूर्व मंत्री व चिल्लूपार के पूर्व विधायक राजेश त्रिपाठी ने करारा तंज कसा है। राजेश चिल्लूपार में अजेय समझे जाने वाले हरिशंकर तिवारी को 2007 व 2012 के विधानसभा चुनाव में शिकस्त दे चुके हैं।
राजेश त्रिपाठी की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक चिल्लूपार के वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी स्वयं स्वीकार ही कर चुके हैं कि उन पर बैंक का इतना सौ करोड़ कर्ज है। उन्हें आगे इससे मुकरना नहीं चाहिए। क्योंकि 2017 के विधान सभा चुनाव की रजिस्टर्ड बयानहलफी में उन्होंने कहा है कि उन पर या उनकी कम्पनियों पर कोई कर्ज है ही नहीं। उन्हें यह तो पता ही है कि चुनाव आयोग को दिये गये हलफनामे में तथ्य छिपाना गम्भीर अपराध माना जाता है।
यह है मामला
बाहुबली व धनबली पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी की फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नोएडा व लखनऊ कार्यालय पर सीबीआई ने सोमवार को छापेमारी की थी। फर्म पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आईडीबीआई, केनरा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, कारपोरेशन बैंक से 1200 करोड़ रुपये लोन लेकर न चुकाने का मामला है।
सीबीआई ने छापेमारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दर्ज शिकायत पर की। शिकायत में कहा गया है कि विनय की फर्म ने 700 करोड़ से अधिक का लोन फर्जी दस्तावेजों पर लिया और दूसरी कम्पनियों में रुपए डाइवर्ट कर फर्जीवाड़ा किया। इस फर्म में विनय, उनकी पत्नी और सहयोगी अजीत पांडेय का नाम है।
आईडीबीआई ने जारी किया था समन
आईडीबीआई ने अपने 200 करोड़ के लोन की वसूली को लेकर बाहुबली हरिशंकर तिवारी, उनके बेटों विनय शंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी, भांजे गणेश शंकर पांडेय समेत 33 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक समन जारी किया था।
कृषि भूमि पर बिना सत्यापन लोन लेने का आरोप है जो लोन लिए गए हैं उनके सापेक्ष कृषि भूमि की गारंटी दी गई है जो शहर से बहुत दूर हैं।