लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के खिलाफ जंग में आयुष विभाग ने जन-जन तक ‘आशा की किरण’ बनकर पहुंचने का काम कर रहा है।
इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी औषधियों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में लोगों को दिया जा रहा है।
विभाग के चिकित्सक लोगों को आसन और योग की उपयोगिता बताने के साथ-साथ घर के बगीचे में उगने वाली औषधियों के गुणकारी लाभ से भी परिचित करा रहे हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के इलाज में औषधियों की उपयोगिता को देखते हुए बुधवार को टीम 11 की बैठक में आयुष विभाग के अधिकारियों को पूरी तत्परता से सक्रीय रहने और लोगों को आयुष काढ़ा सहित अन्य उपयोगी औषधियां मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने निर्देशित किया है कि कोरोना की पिछली लहर में आयुष विभाग की ओर से जिस तरह की सराहनीय भूमिका निभाई गई थी।
अपर मुख्य सचिव प्रशान्त त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में आम जनता को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए आयुष विभाग तेजी से काम कर रहा है। आयुर्वेद विभाग के चिकित्साधिकारियों और कर्मचारियों ने कुल 43,474 आयुर्वेद कोविड-19 किट का वितरण प्रदेश के 91,692 लोगों को किया है।
इसमें संशमनी वटी, आयुष-64, अगस्त्य हरीतकी और अणु तैल है। इसके अलावा आयुर्वेद विधा से लगभग 20,000 परिवारों को आयुष काढा के 50 ग्राम के 20,880 पैकैटों का वितरण किया गया है।
साथ ही होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों द्वारा 6,28,300 आर्सेनिक एलबम की शीशियां जिलों में कोविड की रोकथाम और बचाव के लिए दी जा रही हैं। यूनानी चिकित्सकों ने बहीदाना, सपिस्ता, उन्नाब और अर्क अजीब नामक यूनानी औषधियों को करीब 3198 लोगों को दिया है।
योग और आसान का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष विभाग के अधिकारियों से वर्तमान की कठिन परिस्थितियों में जनता को योग और आसन के महत्व की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
जनता की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा की औषधियां रामबाण बनी हैं। कोरोना के उपचार में भी आयुर्वेद काफी कारगर साबित हो रहा है।