akhilesh yadav

अखिलेश यादव हुए कोरोना संक्रमण से मुक्त,उन्होंने फिर पहना अपना पुराना चश्मा

coronavirus उत्तरप्रदेश

लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री  कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं इसके लिए बधाई किन्तु दिक्कत यह है की अखिलेश यादव फिर अपना पुराना चश्मा पहन लिया है।

उन्हें हर तरफ अमन चैन और सरकार की योजनाओं की धूमधाम दिखाई देने लगी है।  वाहवाही वाला चश्मा उतर कर वे देखते तो उन्हें जमीनी हकीकत मैं चारों तरफ हाहाकार और परेशान हाल लोगों के चेहरों पर दर्द दिखाई देता।      


     जब हालात इतने दर्दनाक हों तब मुख्यमंत्री  का गेहूं खरीद और गन्ना पेराई संबंधी बयान जख्म को कुरेद देते हैं। कोरोना की महामारी में कहाँ व्यापारिक गतिविधियाँ चल रही हैं।

गेहूँ खरीद कई जनपदों में बंद चल रही है क्रय केंद्र खुल नहीं रहें हैं जो खुले हैं खरीद के बजाय बोरियां कम होने, तौलमापक के खराब होने तथा भुगतान के लिए पैसा न होने के बहनें बना रहे हैं। मजबूरी मैं किसान एम एस पी के बजाय बिचौलियों को बहुत काम दामों में अपनी फसल बेच रहा है। धान की लूट हो चुकी है।    


   उन्होंनेे कहा मुख्यमंत्री का नया एलान है कि जब तक खेतों में गन्ना रहेगा तबतक मिलें चलेंगी। यह एलान किसी हवाई कलाबाजी से कम नहीं। इस संकट काल में कितनी मिलें चल रहीं हैं

अखिलेश यादव- किसान का करीब 15 हजार करोड़ बकाया

यह भाजापा सरकार को बताना चाहिए। किसान लम्बे समय से अपने भुगतान के लिए परेशान है। उसका करीब 15 हजार करोड़ बकाया है। ब्याज छोड़िये मूलधन भी हाथ नहीं लगा है। चार वर्ष से गन्ने की कीमत भी नहीं बढ़ी है।

-किसान का गन्ना तो पहले ही बर्बाद हो चुका है। चीनी मीलों में किसानों को घटतौली से लेकर के भुगतान तक में दिक्कत उठानी पड़ी है। भाजापा सरकार से उन्हें कटाई राहत नहीं मिली है।      


     भाजपा सरकार ने प्रदेश में किसानों को सबसे ज्यादा उपेक्षा और यातना का शिकार बनाया है। इनके चार वर्ष के कार्यकाल में किसान को हरस्तर पर परेशानी उठानी पड़ रही है।

उस पर काले कृषि  कानून लादे गए। उनकी मांगों पर भाजपा गूँगी  बहरी बन गई है। पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं परन्तु उनको सिवाय लाठी के कोई जवाब नहीं मिला है। भाजपा की इस निष्ठुरता का प्रतिउत्तर अब किसान अगले वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में देने के लिए तैयार बैठा है।                                      

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