जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति और वितरण में रखें पारदर्शिता के सख्त निर्देश – सीएम योगी
लखनऊ,19 अप्रैल: कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही, रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की प्रदेश में अब कोई किल्लत नहीं होगी आदित्यनाथ खुद आइसोलेशन में रहते हुए ऑक्सीजन और रेमिडीसीवीर की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और नतीजा यह है कि सोमवार शाम तक जुबिलियंट फार्मा की ओर से करीब 25000 वायल की आपूर्ति कर दी जाएगी। यही नहीं, अगले दो से तीन दिनों के भीतर प्रदेश में पौने तीन लाख रेमिडीसीवीर की उपलब्धता होनी तय है।
सोमवार को टीम-11 के साथ बैठक करते हुए सीएम योगी ने रेमिडीसीवीर और ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा की। बताया गया कि जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलिन और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों को 2,75,000 रेमिडीसीवीर की डिमांड भेजी गई है। इसमें सर्वाधिक एक-एक लाख की आपूर्ति कैडिला और सिप्ला द्वारा होगी, जबकि माइलिन को 25000 और जुबिलियंट को 50,000 वायल की आपूर्ति करनी है,सीएम के आदेश पर अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संपर्क में है,सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इनका वितरण पारदर्शितापूर्ण ढंग से किया जाए,
कालाबाजारी पर रासुका,जब्त होगी संपत्ति:
जीवनरक्षक दवाओं की बढ़ती मांग को सीएम ने बेहद गम्भीरता से लिया है, मुख्यमंत्री ने कहा है कि रेमिडीसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी बड़ा अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाए,
आपकोबता दें कि रेमिडीसीवीर इंजेक्शन को कोविड मरीजों के लिए जीवनरक्षक दवा के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन को लोग महंगी कीमत पर भी खरीदने को तैयार हैं, रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल covid-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जाता है, कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढ़ंग से काम करने को किसी ने मान्यता नहीं दी है।
होम आइसोलेशन के मरीज लगातार संपर्क में
मुख्यमंत्री योगी ने होम आइसोलेशन में इलाजरत रोगियों से लागातर संपर्क बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं, सीएम ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को न्यूनतम एक सप्ताह का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए, साथ ही 108 एम्बुलेंस की आधी केवल कोविड के लिए डेडिकेटेड किया जाए, एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं,सीएम ने इसकी जिम्मेदारों स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को सौंपी है। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को निर्देशित किया है कि पूरे प्रदेश में मास्क के अनिवार्य उपयोग को सख्ती से लागू कराया जाए, पहली बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना तथा दूसरी बार बगैर मास्क पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए, 10,000 रुपये जुर्माना देने वालों की फोटो को सार्वजनिक करें।