राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने राजकीय बाल गृह बालिका, मोती नगर लखनऊ का किया निरीक्षण

लखनऊ

लखनऊ – डॉ विशेष गुप्ता अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश तथा गठित टीम डॉक्टर सुचिता चतुर्वेदी, सदस्या प्रीति वर्मा, सदस्या जया सिंह, माननीय सदस्या की उपस्थिति में सर्वप्रथम राजकीय बाल गृह शिशु, प्राग नारायण रोड, लखनऊ का गुरुवार को निरीक्षण किया गया।

संस्था की साफ-सफाई संतोषजनक पाई गई। बच्चों से वार्ता की गई साथ ही वार्ता के दौरान कोई भी प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में नहीं आया। स्टोर का निरीक्षण किया गया। स्टोर कक्ष सुव्यवस्थित नहीं पाया गया। दत्तक ग्रहण इकाई में शिशुओं के डाइट के अनुसार आहार दिए जाने के अक्षरक्षः पालन के निर्देश दिए गए।


तत्पश्चात राज्य के पश्चातवर्ती देखरेख संगठन किशोरी, प्राग नारायण रोड लखनऊ का निरीक्षण किया गया। संस्था की साफ सफाई की पाई गई। संवासिनियों से संवाद किया गया।

कोई भी प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में नहीं आया। संवासिनियो के शिक्षा पर विशेष ध्यान देने तथा स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षा देने की कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

राजकीय बाल गृह बालिका, मोती नगर लखनऊ का निरीक्षण


राजकीय बाल गृह बालिका, मोती नगर लखनऊ का निरीक्षण किया गया। बालिकाओं के खानपान की व्यवस्था गुणवत्ता पूर्ण पाई गई।

कोविड-19 से संक्रमित 29 बालिकाएं जिन्हें दिनांक 13 मई 2021 को सेवा भारती अवध प्रांत द्वारा सरस्वती कुंज, निराला नगर, लखनऊ में आइसोलेशन हेतु आवासित कराया गया था,

उक्त बालिकाएं संस्था में वापस आ गई है। बालिकाओं द्वारा आइसोलेशन सेंटर के अनुभव को साझा किया। उक्त अनुभवों के आधार पर एक लेख छपवाने के निर्देश दिए गए।


लीलावती मुंशी दत्तक ग्रहण मोती नगर लखनऊ का निरीक्षण किया गया। संस्था के कक्ष में काफी उमस थी। खान-पान, रहन-सहन, की व्यवस्था संतोषजनक नहीं पाई गई,

ए0सी0 चलती नहीं पाई गई। बच्चे प्यासे पाए गए। सामग्री उपलब्ध थी परंतु बच्चों को नहीं दी गई थी। बच्चों के दूध की बोतल एक ही टब में रखी गई थी, जिससे यह ज्ञात करना संभव नहीं हो पा रहा था कि कौन सी बोतल किस बच्चे की है। एडॉप्शन में गए बच्चों की फॉलोअप रिपोर्ट मांगे जाने पर संस्था अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई। जिस पर माननीय आयोग द्वारा घोर आपत्ति व्यक्त की गई।

लीलावती मुंशी बाल गृह बालिका मोती नगर लखनऊ का निरीक्षण


लीलावती मुंशी बाल गृह बालिका मोती नगर लखनऊ का निरीक्षण किया गया। खान पान, रहन सहन, की व्यवस्था ठीक नहीं पाई गई। बालिकाओं को उचित शिक्षा दीक्षा के निर्देश दिए गए।


तदोपरांत अपराहन 3ः00 बजे डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम सभागार कलेक्ट्रेट लखनऊ में उपरोक्त अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी  के0पी0 सिंह, गोपाल चैधरी ए0डी0सी0पी0 क्राइम, डॉ संजय भटनागर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ  सर्वेश कुमार पांडे उप निदेशक लखनऊ मंडल लखनऊ,

डॉक्टर ए0पी0 सिंह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी,  राजेश कुमार सिंह श्रम प्रवर्तन अधिकारी,  कुलदीप रंजन अध्यक्ष बाल कल्याण समिति,  संगीता शर्मा सदस्य बाल कल्याण समिति,  जयपाल वर्मा प्रोबेशन अधिकारी,  अर्चना सिंह सेंटर मैनेजर,  वर्तिका शुक्ला महिला कल्याण अधिकारी,  आसमा जुबेर संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई उपस्थित रहे।राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग


बैठक में माननीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से कोविड-19 की तीसरी लहर के संबंध में आगामी व्यवस्था हेतु चर्चा की गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि के0जी0एम0यू0 चिकित्सालय में 100 बेड की तैयारी की जा रही है जिसमें से 50 बेड वेंटिलेटर युक्त रहेंगे, तथा शेष पर एच0एफ0एन0सी0/ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग- लखनऊ में कुल 560 बेड बच्चों के लिए उपलब्ध होंगे।

बलरामपुर चिकित्सालय में 40 बेड का पोस्ट कोविड वार्ड क्रियाशील है। जिसके अतिरिक्त 40 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड जिसमें 20 वेंटिलेटर बेड होंगे। आरंभ करने एवं ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया कि लखनऊ में कुल 560 बेड बच्चों के लिए उपलब्ध होंगे।

एस0जी0पी0जी0आई0 में 18 चिकित्सक व 25 रेजिडेंट सुपर स्पेशियलाइज्ड चिकित्सक उपलब्ध है जो कि 50 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड चलाने में सक्षम है जिसमें 25 बेड रहेंगे।


अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया कि जो भी वार्ड बनाया जाए उसके बाहर एक कक्ष स्थापित किया जाए। जिसमें आइसोलेशन वार्ड में रह रहे बच्चों के अभिभावक उनसे मिल सके तथा अभिभावकों व बच्चों का मिलने का समय निर्धारित किया जाए।

श्रम विभाग को ऐसे बालक जो गैर जोखिम वाले उद्योगों में नियोजित है ऐसे 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया नहीं जाता है।

इस पर अध्यक्ष द्वारा रोष व्यक्त करते हुए ऐसे बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने तथा उनके पुर्नवासन हेतु कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए।


उप निदेशक लखनऊ मंडल लखनऊ ने अवगत कराया कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित अनाथ हेतु कुल 75 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जिनमें से 40 बच्चों की काउंसलिंग तथा सामाजिक अन्वेषण आख्या भरी जा चुकी है।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की निगरानी समिति के क्रियान्वयन

जिलाधिकारी द्वारा काउंसलिंग हेल्पलाइन नंबर 0522-4523023 कोविड-19 कमाण्ड सेंटर में शुरू की गई है। जिसमें कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों की काउंसलिंग हेतु काउंसलिंग की जा रही है।


अध्यक्ष द्वारा ग्राम बाल संरक्षण समिति/ब्लॉक बाल संरक्षण समिति/ निगरानी समिति के क्रियान्वयन हेतु वार्ड कमेटी के गठन के निर्देश दिए गए। अध्यक्ष द्वारा वन स्टॉप सेंटर लखनऊ में प्राप्त त्रैमासिक प्रकरणों की समीक्षा की गई।

जिसमें कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों की सहायता हेतु किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों के विषय में वार्ता की गई।

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