लखनऊ:
भारत में सामाजिक क्रांति के जनक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की 194वीं जयंती पर रविवार को समाजवादी पार्टी के मुख्यालय, लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपद कार्यालयों में सादगी के मनाई गई। समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी भावांजलि में कहा है कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने ऐसे समय बाल-विवाह, विधवा-विवाह तथा कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई जब समाज रूढ़िवादिता में जकड़ा हुआ था। 1848 ई. में उन्होंने देश के पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी। उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका बनी।
यादव ने कहा कि सन् 1873 में महात्मा फुले ने दलित वर्ग के उत्थान तथा उनको न्याय दिलाने के लिए ‘सत्य शोधक समाज’ की स्थापना की। उन्होंने अंधविश्वासों का विरोध किया तथा समाज में समरसता लाने का प्रयास किया। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी जिनमें गुलामगिरी, तृतीयरत्न, छत्रपति शिवाजी तथा किसान का कोड़ा प्रमुख हैं।
रविवार को पार्टी कार्यालय में सम्पन्न ज्योतिबा फुले जयंती कार्यक्रम में पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख थे नरेश उत्तम पटेल प्रदेश अध्यक्ष, रामआसरे विश्वकर्मा पूर्व मंत्री, अरविन्द कुमार सिंह एवं रामवृक्ष सिंह यादव एमएलसीगण, निसार खां प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा दिल्ली तथा विजय यादव, विकास यादव, मनीष सिंह, दीपक दीप चैरसिया, नीरज द्विवेदी, मौलाना इजरायल, राकेश विश्वकर्मा, नवीन कुमार आदि।