अयोध्या में नया घाट से राम की पैड़ी होते हुए गुप्तार घाट तक एक वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था की जाए
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बाढ़ नियंत्रण से सम्बन्धित कार्यों को प्रत्येक दशा में 15 जनवरी, 2021 से प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं शीघ्रता से पूर्ण की जाएं, जिससे बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्यों को मई, 2021 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा की उन्होंने कहा कि जन-धन हानि को रोकने के लिए त्वरित ढंग से कदम उठाना राज्य सरकार का दायित्व है। इसके सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जनपद बिजनौर, मेरठ, बुलन्दशहर में गंगा जी से होने वाली कटान के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर में पूर्वी यमुना का अवशेष कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाए, जिससे परियोजना का लाभ जनसामान्य को प्राप्त हो सके। उन्होंने जनपद हमीरपुर को बाढ़ से बचाने के लिए तटबंध बनाने तथा पुराने वाॅटर रिजर्वायर के संरक्षण के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी परियोजनाओं के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा वर्षा के मौसम में प्रोएक्टिव एप्रोच एवं समेकित दृष्टिकोण के साथ कार्य किया गया। अतिवृष्टि होने पर जिला प्रशासन एवं सम्बन्धित को बाढ़ से निपटने की तैयारियों के लिए पर्याप्त समय पूर्व चेतावनी निर्गत की गई। मुख्यमंत्री जी को विभाग की बाढ़ प्रबन्धन सूचना प्रणाली के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री जी को बताया गया कि वर्ष 2020 में प्रदेश में बाढ़ से कुल 29 जनपद प्रभावित हुए। बाढ़ के दौरान सभी तटबन्ध सुरक्षित रहे। मात्र जनपद आजमगढ़ में जोकहरा तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ। बैठक के दौरान जनपद अयोध्या में नया घाट के सौन्दर्यीकरण और मुक्ति घाट के निर्माण के सम्बन्ध में भी प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाजियाबाद में शनिवार को उनके द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का लोकार्पण किया गया है। चुनार के पत्थरों के प्रयोग से निर्मित इस भवन का सौन्दर्य दर्शनीय है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में नया घाट, मुक्ति घाट आदि के निर्माण में भी प्रदेश में प्राप्त होने वाले पत्थरों का उपयोग किया जाए। इससे स्थानीय तौर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते हैं। उन्होंने सौन्दर्यीकरण में विन्टेज लाइट्स के प्रयोग और उनके बेहतर रख-रखाव के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में नया घाट से राम की पैड़ी होते हुए गुप्तार घाट तक एक वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी0 वेंकटेश, सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।